Monday, April 23, 2007

पिला दे...

पिला दे ओक से साकी, जो हमसे नफरत है....
प्याला ग़र नहीं देता ना सही....शराब तो दे!

दिखा के जुम्बिशें लब की तमाम कर हमको...
बोसा ना दे जो लब से...जवाब तो दे!

-- ग़ालिब

No comments:

Post a Comment